विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के बेशकीमती जंगल (वन संपदा) आग से धधक रहे हैं तथा बेजुबान वन्य जीव काल का ग्रास बन चुके हैं, लेकिन राजभवन सरकार पर चाबुक चलाने के बजाय चुपचाप तमाशा देख रहा है। नेगी ने कहा कि वनाग्नि काल से पूर्व सरकार को इसके उपायों पर होमवर्क करना चाहिए था, लेकिन सरकार को फुर्सत ही नहीं थी। एक तरफ जहां करोड़ों-अरबों रुपया फिजूलखर्ची में पानी की तरह बहाया जा रहा है, वहीं पैसा अगर आग बुझाने के इंतजामों (उपकरणों) पर खर्च किया होता तो यह नौबत नहीं आती। नेगी ने कहा कि वनों की आग जिस प्रकार विकराल रूप धारण कर चुकी है, राजभवन को तत्काल बड़ी मात्रा में हेलीकॉप्टर्स को आग बुझाने के काम में लगाने हेतु सरकार को निर्देशित करना चाहिए था, लेकिन गवर्नर साहब को फुर्सत नहीं। नेगी ने कहा कि वर्ष 2015 से 2024 तक (आज तक) वनाग्नि काल में लगभग 20 हजार हेक्टेयर जंगल खाक हो चुके हैं, जबकि कागजों में सरकार द्वारा प्रदेश के तमाम वन प्रभागों के अंतर्गत क्रू स्टेशन व वॉच टावर स्थापित किए हुए हैं तथा कई अन्य इंतजाम भी किए हुए हैं, लेकिन वो इंतजामात नाकाफी हैं। मोर्चा ने तंज कसते हुए कहा कि ’सुना है सरकार इनाम रखे है आग बुझाने पर’। मोर्चा राजभवन से नींद त्याग कर वन मंत्री को बर्खास्त करने एवं सरकार पर चाबुक चलाने की मांग करता है। पत्रकार वार्ता में-दिलबाग सिंह व सुशील भारद्वाज मौजूद थे।
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